मेरी कलम से

Thursday, June 16, 2011

ये तो सिर्फ भगवान समझ सकते है

स्वर्ग के द्वार पे 3 लोग खड़े थे....
भगवान: सिर्फ 1 ही अन्दर जा सकता है.... 
पहला: मैं पंडित  हूँ , सारी उम्र आपकी  सेवा की है. स्वर्ग पे मेरा हक़ है....
भगवान कुछ नहीं बोले!
दूसरा: मैं डॉक्टर हूँ, सारी उम्र लोगो की सेवा की है. स्वर्ग पे मेरा हक है....
भगवान कुछ नहीं बोले!
तीसरा: मैंने सारी उम्र प्राइवेट कंपनी में काम किया है.... ......
भगवान बोले :बस......... आगे कुछ मत बोल.... रुलाएगा क्या पगले..?
अन्दर  आजा......... तेरे  E-Mail, follow-ups, तरक्की  नहीं मिलने के  वो 6 साल,
महीने के आखिरी, तिमाही के आखिरी, साल के आखिरी में वो रात की शिफ्ट्स, डाटा  नहीं मिलने से दूसरे विभाग से पंगा, CTC से ज्यादा कटोती,
रात में घर जाने का लफड़ा, परिवार को ना टाइम देने की परेशानी, बॉस से  मीटिंग्स, डेलिवेरी दिनाक, सप्ताह के आखिरी में काम etc etc.
मेरे को सेंटी कर दिया रे..आजा जल्दी अन्दर आजा......  

2 comments:

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विकास कुमार गर्ग