मेरी कलम से

Tuesday, June 7, 2011

जिन्दगी

बादलों पे पाऊँ रख के आसमान को छू लिया
 
जो कभी किया ना था वो आज मैं ने किया  
 
रही ना कोई आरजू, पाया है मैंने वो सुकून
 
ख्वाहिशों के हाथ में सोंप दी है ज़िन्दगी

खूब है, ख़ास है, अब खवाब सी है ज़िन्दगी

जब अपनों का साथ है तो लाजवाब है जिन्दगी

2 comments:

  1. लाज़बाव....जब अपनों का साथ है तो लाजवाब है जिन्दगी...

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विकास कुमार गर्ग