कुछ तो सोचती मुझे भुलाने से पहले
मेरे ख़त मेरी तस्वीरें जलाने से पहले
मेरे ख़त मेरी तस्वीरें जलाने से पहले
तेरे हाथ क्यूँ नहीं काँपे
किसी और की मेहँदी लगाने से पहले
किसी और की मेहँदी लगाने से पहले
तेरी आँख भी ना बरसी सनम
मेरा प्यार, दिल से मिटाने से पहले
मेरा प्यार, दिल से मिटाने से पहले
कुछ वादे कुछ कसमें खायी थीं तुम ने
ग़ैरों की सेज सजाने से पहले
ग़ैरों की सेज सजाने से पहले
मेरी ज़िन्दगी मैं कोई ग़म ना था
उस बेवफा शख्स के आने से पहले
उस बेवफा शख्स के आने से पहले
Sunder abhivykti...
ReplyDeletedhanyavad monika ji
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