नज़र आता नहीं मुझको तुमसे खूबसूरत कोई
अगर है कोई और तो मैं इनकार करता हूँ
अगर जो हो कोई ऐसा तो होता रहे जग में
ये तुम हो तुम जिससे मैं इतना प्यार करता हूँ
नज़र आते नहीं तुम तो भी सदा दिखते हो मुझको तुम
मैं हर लम्हा तुझे देखने को दिल बेक़रार करता हूँ
ये मान लो या ना मानो तुम, मैं तुमसे प्यार करता हूँ
रहा मैं खुश हर उस पल में जो बिताया था तेरे साथ
खुदा से माँगा है तुझको मैंने, और अब मैं इंतजार करता हूँ
कहो कितना की तुमको नहीं है, पर मैं तुमसे प्यार करता हूँ
तेरी ही खुशबु है भरी ये मेरे रोम रोम में
है तू सच में मेरा या मैं सिर्फ तेरा इश्तिहार करता हूँ
रहो यही या तुम कही भी मैं तुमसे प्यार करता हूँ
बहुत ही भावुक रचना.....
ReplyDeleteहार्दिक बधाई।
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ReplyDeleteविकास जी,
ReplyDeleteक्या बढ़िया लिखा है सच ही तो है....
नज़र आता नहीं मुझको तुमसे खूबसूरत कोई
अगर है कोई और तो मैं इनकार करता हूँ
अगर जो हो कोई ऐसा तो होता रहे जग में
ये तुम हो तुम जिससे मैं इतना प्यार करता हूँ
आप कभी मेरे ब्लॉग पर भी जरूर आयें..
आशु
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beautifully written !!
ReplyDeleteहर शब्द बहुत कुछ कहता हुआ, बेहतरीन अभिव्यक्ति के लिये बधाई के साथ शुभकामनायें ।
ReplyDeleteअगर आप लोगो का पयार मिलता रहा तो ऐसे ही लिखता रहूँगा
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