ओंस की बूंद सी होती है बेटियाँ ,
जरा भी दर्द हो तो रोती है बेटियाँ,
रौशन करेगा बेटा तो बस एक ही कुल को,
दो दो कुल की लाज ढोती है बेटियाँ,
कोई नहीं एक दुसरे से कम,
हीरा अगर है बेटा ,तो सच्ची मोती है बेटियाँ,
कांटो की राह पर ये खुद ही चलती रहेंगी,
ओरों के लिए फूल सी होती है बेटियाँ,
विधि का विधान है यही दुनिया की रस्म है,
मुट्ठी भर नीर सी होती है बेटियाँ!
जरा भी दर्द हो तो रोती है बेटियाँ,
रौशन करेगा बेटा तो बस एक ही कुल को,
दो दो कुल की लाज ढोती है बेटियाँ,
कोई नहीं एक दुसरे से कम,
हीरा अगर है बेटा ,तो सच्ची मोती है बेटियाँ,
कांटो की राह पर ये खुद ही चलती रहेंगी,
ओरों के लिए फूल सी होती है बेटियाँ,
विधि का विधान है यही दुनिया की रस्म है,
मुट्ठी भर नीर सी होती है बेटियाँ!
एक सम्पूर्ण पोस्ट और रचना!
ReplyDeleteयही विशे्षता तो आपकी अलग से पहचान बनाती है!
अगर आप लोगो का पयार मिलता रहा तो ऐसे ही लिखता रहूँगा
ReplyDelete