कल तेरी तस्वीर देखी तो याद आया
हम भी कभी मोहब्बत किया करते थे
जब तेरे शहर मे रहा करते थे
हम भी चुपचाप जिया करते थे
आँखों में प्यास हुआ करती थी
दिल में तूफान उठा करते थे
कल तेरी तस्वीर देखी तो याद आया
हम भी कभी मोहब्बत किया करते थे
लोग आते थे ग़ज़ल सुनाने
हम तेरा जिक्र किया करते थे
किसी वीराने में तुझसे मिलकर
दिल में क्यों फूल खिला करते थे
कल तेरी तस्वीर देखी तो याद आया
हम भी कभी मोहब्बत किया करते थे
घर की दिवार सजाने की खातिर
हम तेरा नाम लिखा करते थे
तेरा नाम ही जीने का सहारा था
तेरा नाम लेकर ही जिया करते थे
कल तेरी तस्वीर देखी तो याद आया
हम भी कभी मोहब्बत किया करते थे
dhnyavad sachin ji
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