लिखी है ये गजल सिर्फ तेरे लिए
दीवाना बना भी तो सिर्फ तेरे लिए
किसी को नहीं देखेंगी ये निगाहे
नज़र तरसेगी भी तो सिर्फ तेरे लिए
हर साँस में याद करूँगा तुझे
साँस निकलेगी भी तो सिर्फ तेरे लिए
हर प्यार से प्यारी लगती हो तुम मुझे
मैंने प्यार सिखा भी तो सिर्फ तेरे लिए
जब भी बारिश हुई तो तेरी याद आई
और बारिश में मैं भीगा भी तो सिर्फ तेरे लिए
हंसी तो कब की मेरे लबो से रूट गयी
मगर जिस रोज भी हंसा तो वो हंसी भी होगी सिर्फ तेरे लिए
लिखी है ये गजल सिर्फ तेरे लिए
दीवाना बना भी तो सिर्फ तेरे लिए
विकास गर्ग
प्रभावी अभिव्यक्ति .......
ReplyDeletedhnyavad nivedita ji
ReplyDelete