मेरी कलम से

Thursday, July 7, 2011

तेरे लिए

लिखी है ये गजल सिर्फ तेरे लिए
दीवाना बना भी तो सिर्फ तेरे लिए
किसी को नहीं देखेंगी ये निगाहे 
नज़र तरसेगी भी तो सिर्फ तेरे लिए
हर साँस में याद करूँगा तुझे 
साँस निकलेगी भी तो सिर्फ तेरे लिए
हर प्यार से प्यारी लगती हो तुम मुझे
मैंने प्यार सिखा भी तो सिर्फ तेरे लिए
जब भी बारिश हुई तो तेरी याद आई
और बारिश में मैं भीगा भी तो सिर्फ तेरे लिए
हंसी तो कब की मेरे लबो से रूट गयी
मगर जिस रोज भी हंसा तो वो हंसी भी होगी सिर्फ तेरे लिए
लिखी है ये गजल सिर्फ तेरे लिए
दीवाना बना भी तो सिर्फ तेरे लिए
विकास गर्ग

2 comments:

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विकास कुमार गर्ग