मेरी कलम से

Sunday, July 3, 2011

भगवन् है दोस्ती


फूलों सी नाजुक चीज है दोस्ती,
सुर्ख गुलाब की महक है दोस्ती,

सदा हँसने हँसाने वाला पल है दोस्ती,
दुखों के सागर में एक कश्ती है दोस्ती,

काँटों के दामन में महकता फूल है दोस्ती,
जिंदगी भर साथ निभाने वाला रिश्ता है दोस्ती,

रिश्तों की नाजुकता समझाती है दोस्ती,
रिश्तों में विश्वास दिलाती है दोस्ती,

तन्हाई में सहारा है दोस्ती,
मझधार में किनारा है दोस्ती,

जिंदगी भर जीवन में महकती है दोस्ती,
किसी-किसी के नसीब में आती है दोस्ती,

हर खुशी हर गम का सहारा है दोस्ती,
हर आँख में बसने वाला नजारा है दोस्ती,

कमी है इस जमीं पर पूजने वालों की
वरना इस जमीं पर भगवन् है दोस्ती

4 comments:

  1. बहुत खूब और बहुत सुंदर - दिल के सच्चे उदगार

    "कमी है इस जमीं पर पूजने वालों की
    वरना इस जमीं पर भगवन् है दोस्ती"

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  2. बहुत सुन्दर

    आप का बलाँग मूझे पढ कर आच्चछा लगा , मैं बी एक बलाँग खोली हू
    लिकं हैhttp://sarapyar.blogspot.com/

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विकास कुमार गर्ग