जागते हैं तन्हा रातो में, खोते है दिल उनकी बातो मे, मिली नहीं दिल की मंजिल आज तक, क्योकि दर्द ही दर्द लिखा है इन हाथो में!!!
Email : gargvikash23@gmail.com,
http://vikasgarg23.blogspot.com/
मेरी कलम से
Friday, August 5, 2011
जिन्दगी
बादलों पे पाऊँ रख के आसमान को छू लिया
जो कभी किया ना था वो आज मैंने किया
रही ना कोई आरजू, पाया है मैंने वो सुकून
ख्वाहिशों के हाथ में सोंप दी है ज़िन्दगी
खूब है, ख़ास है, अब खवाब सी है ज़िन्दगी
हर पल लगता है एक नया विश्वास है जिन्दगी
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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!! विकास कुमार गर्ग
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आपका बहुत - बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
विकास कुमार गर्ग